August 28, 2009

uber narcissicistic!

प्रियम्वद राधिका!

रंगबिरंगी, खूबसूरत, प्यारी सी
तितली की तरह चंचल सी
एक अनजानी लड़की, अब बन गई है पक्की सहेली
राधिका रानी, जो अब है राधिका दीदी

उछलती, कूदती, levitate करती
एक पक्के मन की लड़की
करती है हर एक काम ...
अपने मन की सुनती

जिसके संग रहकर
मैं मैं हूँ, और वो वो
कोई ढोंग कोई दिखावा
बस अपनापन बिना छलावा l

उम्मीद थी, एक साँवली सी
dungarees और black tee में घूमती यह लड़की
मेरे इतने करीब होगी
वह भी इतनी जल्दी

अब जो हो,
तो मैं खुश हूँ
हमेशा यूँ ही रहना
प्यारी, थोड़े गुस्सेवाली, लाड करती,
vibes-conscious मेरी बहना
जा रही हो कई कि.मी. दूर
पर दिल से जाना
हमें जाने को कहना

आती रहना,
बतियाती रहना
जीवन में जो भी करो ... सफल होना
यही हमारी कामना .. हमेशा खुश रहना!


-कोमल अग्रवाल

this blogger would like to thank the very sweet author of this poem from deep down under. i'll not lie...i'm way beyond the cirro-stratus!!! to Komal...MUAH!!!

1 comment:

  1. those dungarees ... hv now been died to dark brown!:D! can't wait to wear it...n click pics!:P!

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